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Saturday 4 June 2016

मानसिक अफीम !!



मानसिक अफीम !!

        ये सुकून बख्श है कि समाज में अवैध नशीले पदार्थ मुहैया करवाने वाले लोगों के लिए दंड का विधान है ..
     मगर सोचता हूँ ! कुछ लोग प्रचलित नशे, अफीम के स्थान पर समाज में लगातार खुले आम " मानसिक अफीम " की विघटनकारी खुराक मुहैया करवा रहे हैं और लोगों की सोचने -समझने व विश्लेषण कर सकने की क्षमता का निरंतर ह्रास करके, इक्कीसवीं सदी के डिजिटल युग में भी सदैव मानसिक अफीम के नशे में धुत्त रहने वाले समाज का बेरोकटोक निर्माण कर रहे हैं !!
क्या ! मानसिक अफीम को अलग-अलग रंग के कैप्सूलों व इंजेक्शन के रुप में खुले आम बेचने वाले समाज में उच्च सम्मान व सुरक्षा प्राप्त सौदागरों से निपटने के लिए भी डिजिटल इंडिया में कोई कठोर डिजिटल कानून बन सकेगा !! स्थिति बद से बदतर होती जा रही है ! शीघ्र लगाम लगाना बहुत आवश्यक है।
     हालांकि सुना है .. " मेरा देश बदल रहा है ! "
     सोचता हूँ यदि फिर भी स्थिति नहीं सुधरती तो जो लोग मानसिक अफीम सेवन से अभी दूर हैं या इस नशे के आदी नहीं हुए हैं उन्हें संगठित होकर पहल करनी ही होगी ! इस अफीम के सौदागरों को सबक सिखाना ही होगा !!

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