Ad.

Saturday 11 July 2015

मुहब्बत से करो आगाज़



मुहब्बत से करो आगाज़
तो अजनबी भी करीब आते हैं
मुहब्बत है एक रूहानी मंजिल
    जहाँ फ़रिश्ते भी सर झुकाते हैं....

आज एक धर्म संगोष्ठी में पुलिस कमिश्नर श्री भूषण कुमार उपाध्याय साहब द्वारा अपने ओजस्वी विचारों को इस शेर से विराम देते सुना . बहुत अच्छा लगा मन हुआ कि आपके साथ भी साझा करूँ.

No comments:

Post a Comment