सठे साठ्यम् समाचारेत् ....
हमारी गली में कई कुत्ते हैं लेकिन एक कुत्ता हर बाइक व साइकिल सवार के पीछे दौड़ता है कुछ को काट भी चुका है ! मगर एक महिला उस कुत्ते पर पलटवार करने वाले को गालियाँ देने से बाज नहीं आती !!
लोग उस महिला से कहते हैं कि अगर इस कुत्ते से इतना ही मोह है तो इसे बाँध कर रखो तो इस पर वो उस कुत्ते के स्वामित्व से मुकर जाती है ! बड़ी विकट स्थिति है !!
खैर ! रोज की तरह मैं बाइक पर निकला मगर उस दिन तथाकथित मालकिन और कुत्ते दोनों को सबक सिखाने मूड में था ! ज्यों ही कुत्ता मेरे पीछे दौड़ा ! मैंने कसकर डिस्क ब्रेक खींच दिए ! अचानक बाइक रुक जाने से मेरे पीछे बदहवास सा दौड़ता कुत्ता अवाक सा बाइक के पास ही ठहर गया ! बाइक पर बैठे -बैठे " सठे साठ्यम् समाचारेत् " की रीत पर मैंने उसको मौका दिए बिना तुरंत उसकी थूंथन पर पैर से प्रहार कर दिया ! अचानक प्रहार से विचलित कुत्ता संभलने में असमर्थ था ! वापस भागा ! तथाकथित मालकिन मेरे तेवर देखकर स्तब्ध थी !! कुछ न बोल सकी !!
अब वो कुत्ता मेरे पीछे काटने को नहीं दौड़ता है !
विवेकानन्द जी ने भी कहा है, " भागो मत ! पलटो और मुकाबला करो ! "
सोचता हूँ, मंच कोई भी हो, मिथ्या, तथ्यहीन, अनर्गल प्रलाप पर मौन साध लेना और सही को सही कह सकने की हिम्मत न जुटा पाना भी विपरीत आचरण को उत्साहित करने जैसा ही कृत्य है।